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कोच राहुल द्रविड़ ने नहीं, इस महान खिलाड़ी ने खोजा था वैभव सूर्यवंशी जैसा कोहिनूर

 कोच राहुल द्रविड़ ने नहीं, इस महान खिलाड़ी ने खोजा था वैभव सूर्यवंशी जैसा कोहिनूर

राजस्थान रॉयल्स के लिए 14 साल की उम्र में आईपीएल में धमाल मचा रहे बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने अब ऐसा कमाल कर दिखाया है कि पूरी दुनिया में उनकी बात हो रही है। लीग के इतिहास में इस सबसे युवा बल्लेबाज ने सबसे तेज आईपीएल शतक लगाते हुए सबको हैरान कर दिया। उन्होंने ये कमाल गुजरात टाइटंस के खिलाफ किया। हम आपको यहां बताते हैं कि आखिर बिहार के समस्तीपुर जिले के करीब एक गांव के युवा खिलाड़ी को किसने ढूंढा, तराशा और यहां तक पहुंचाया। वो राहुल द्रविड़ नहीं, बल्कि एक अन्य महान दिग्गज क्रिकेटर है।

वैभव को कौन ढूंढकर लाया

जब से वैभव सूर्यवंशी आईपीएल में उतरे हैं सभी के मन में सवाल है कि आखिर 14 साल के इस क्रिकेटर को कौन इस स्तर तक लेकर आया। अब जब वैभव ने ऐतिहासिक पारी खेल डाली है तो ये सवाल और तेजी से पूछा जाने लगा है।


वैभव ने खेली ऐतिहासिक पारी
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बिहार से आए 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने राजस्थान रॉयल्स के लिए ओपनिंग करते हुए गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में ऐतिहासिक पारी खेली। इस मैच में उन्होंने 35 गेंदों में रिकॉर्ड धुआंधार शतक लगाया।


चौके-छक्कों की बारिश
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वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटंस के गेंदबाजों की जमकर परीक्षा ली और 38 गेंदों में 101 रनों की पारी खेली। इसमें 11 छक्के और 4 चौके शामिल रहे। उनकी इसी पारी के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने 210 रनों का लक्ष्य हासिल करते हुए 8 विकेट से बड़ी जीत दर्ज की।


कौन लाया क्रिकेट का नया कोहिनूर हीरा

भारतीय क्रिकेट को नया हीरा मिल गया। आने वाले समय में वैभव सूर्यवंशी बड़ा धमाल मचाते नजर आ सकते हैं। राहुल द्रविड़ की उनके करियर में बड़ी भूमिका जरूर रही है लेकिन वो जैसा कि वैभव ने खुद बताया कि द्रविड़ और वो 6 महीने से एक-दूसरे से परिचित हैं। नीलामी से लेकर आईपीएल होने तक। तो आखिर वैभव को बिहार से आईपीएल तक पहुंचाने का असल श्रेय किसे जाता है।


महान VVS लक्ष्मण ने पहली बार देखा

दरअसल, भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण वो व्यक्ति हैं जिन्होंने वैभव को पहली बार बीसीसीआई अंडर-19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट में खेलते देखा था। वैभव के बचपन के कोच मनोज ओझा ने कुछ बड़ी बातें सामने रखी हैं।


रोते हुए वैभव को समझाने पहुंचे लक्ष्मण

मनोज ओझा ने बताया कि एक मैच में वैभव 36 रन पर रन-आउट हो गए थे और ड्रेसिंग रूम में आकर रोने लगे थे। वहां मौजूद लक्ष्मण ने जब ये देखा तो उनके पास पहुंचे और कहा कि हम यहां सिर्फ रन नहीं देखते। हम यहां देखते हैं कि क्रिकेटर में लंबी रेस के लिए कौशल कितना है।


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कोच राहुल द्रविड़ ने नहीं, इस महान खिलाड़ी ने खोजा था वैभव सूर्यवंशी जैसा कोहिनूर

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